आपको यह जानकार हैरानी होगी की राजस्थान में 2 पशुओं को राजस्थान का राज्य पशु (state animal of rajasthan) का दर्जा प्राप्त है | पशुओं की जनसंख्या के मामले में राजस्थान भारत में द्वितीय स्थान पर है |
अगर आप जानना चाहते है कि राजस्थान का राज्य पशु (state animal of rajasthan) कौन सा है तो इस आर्टिकल को लास्ट तक जरुर पढ़ें |

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राजस्थान का राज्य पशु (state animal of rajasthan)
राजस्थान का राज्य पशु (state animal of rajasthan) चिंकारा और ऊंट दोनों हैं जिनमे ऊंट को पालतू पशुओं की श्रेणी में राज्य पशु का दर्जा दिया गया है और चिंकारा को जंगली पशुओं की श्रेणी में राज्य पशु का दर्जा दिया गया है |
चिंकारा, जिसे काला हिरण भी बोलते हैं, को राज्य पशु का दर्जा 1981 में दिया गया। जबकि ऊंट की लुप्त होती प्रजाति के कारण इसे 2014 में राजस्थान का राज्य पशु घोषित किया गया |
इन दोनों पशुओं को जंगली और पालतू पशुओं की श्रेणी में बांटा गया है। राजस्थान की शुष्क एवं रेतीली जलवायु होने के कारण इनका शरीर अनुकूल रहता है। ऊंट और चिंकारा अधिकतर कम पानी वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
क्या आप जानते हैं –ऊंटों की जनसंख्या 2007 में करीबन 4.22 लाख थी वह 2014 में घटकर 2 लाख से भी कम रह गई। उँटों की लुप्त होती हुई प्रजाति को देखते हुए 19 सितंबर 2014 को ऊँट को राज्य पशु घोषित किया गया। राजस्थान का राज्य पशु ऊँट को मारने पर 7 साल की सजा हो सकती है।
राजस्थान के राज्य पशु (state animal of rajasthan) के बारे में हमने यहाँ बता दिया है | राजस्थान के अन्य प्रतीक चिन्ह के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लिक करें |
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चिंकारा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
- चूरू जिले का ताल छापर अभयारण्य और जयपुर का नाहरगढ़ अभयारण्य चिंकारा पशु के लिए काफी प्रसिद्ध है
- चिंकारा अधिकतर घास के मैदानों और मरुभूमि में पाया जाता है।
- इसका वजन 20 से 30 किलो के बीच होता है।
- चिंकारा एक शर्मिला जीव है जो मनुष्य जाति से दूर ही रहता है।
- सर्दी और गर्मियों के अनुसार अपने रंग को बदल लेता है।
- छोटे हिरण के नाम से भी चिंकारा को जाना जाता है।
- चिंकारा की अधिकतम आयु 10 से 15 वर्ष के बीच होती है।
- चिंकारा एक शाकाहारी जंतु होता है जो घास, छोटे पौधे, पत्तियाँ और गेंहू जैसे पौष्टीक आहार खाता है।
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चिंकारा का वैज्ञानिक वर्गीकरण
वैज्ञानिक नाम | गजेला बेनेट्टी |
संघ | कोर्डेटा |
समूह | क्रेनियटा |
उपसंघ | वृटिब्रेटा |
विभाग | गनैथोस्टोमेटा |
वर्ग | मेमेलिया |
गण | ओर्टियोडैक्टाइला |
कुल | वोविडी |
वंश/जाति | गजेला |
ऊंट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
- उँटों की लगातार घटती जनसंख्या के कारण 30 जून 2014 में ऊंट को राज्य पशु का दर्जा मिला।
- यह राजस्थान के मरू प्रदेशों और रेतीले भागों में पाया जाता है।
- यह 20 दिनों तक बिना पानी पिए रह सकता है।
- ऊंट का जीवनकाल 40 से 50 साल के बीच होता है।
- इसे रेगिस्तान का जहां आज भी कहा जाता है क्योंकि यह लोगों के लिए सवारी और सामान ढोने का काम करता है।
- ऊँट के पांव गद्दीदार होने के कारण रेत में नहीं धँसते हैं
- ऊँट 1 घंटे में 65 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है।
- ऊँट का गर्भकाल लगभग 400 दिनों का होता है।
- इसका भोजन मरुस्थली पेड़ पौधे, कटीली झाड़ियां होता है।
- ऊँट की खाल पर की जाने वाली कलाकारी को उस्ता कला कहा जाता है और ठंडे पानी का जलपात्र बनाने के लिए ऊंट की खाल का प्रयोग किया जाता है जिसे कॉफी कहा जाता है।
- ऊँट का वजन 500 से 700 किलोग्राम के बीच होता है।
ऊँट का वैज्ञानिक वर्गीकरण
वैज्ञानिक नाम | कैमेलस ड्रोमेडरीयस |
संघ | कोर्डेटा |
उपसंघ | वृटिब्रेटा |
अधिवर्ग | टेट्रापोडा |
वर्ग | गनैथोस्टोमेटा |
उपवर्ग | युथिरिया |
गण | ओर्टियोडैक्टाइला |
वंश | कैमेलस |
समाप्ति शब्द
इस पोस्ट मे हमने राजस्थान के राज्य पशु (state animal of rajasthan) के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी बताई है। इस आर्टिकल को पढ़कर आपको राजस्थान का राज्य पशु चिंकारा और ऊँट के बारे मे पता चल गया होगा।
state animal of rajasthan से सम्बंधित कुछ पूछना है या फिर कोई सुझाव देना है तो आप कमेंट बॉक्स मे कमेंट कर सकते है हम आपको सवालों का जवाब देने के लिए सदैव तैयार रहते है।
आशा करते है हमारे द्वारा दी गई राजस्थान राज्य पशु की जानकारी आपको जरूर पसंद आयी होगी। पोस्ट अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।
FAQ
1. state animal of rajasthan कौनसा है?
चिंकारा और ऊंट दोनों ही राजस्थान के राज्य पशु (state animal of rajasthan) हैं
2. राजस्थान का राज्य पशु कौनसा है?
राजस्थान का राज्य पशु चिंकारा और ऊँट है।
3. चिंकारा को राज्य पशु का दर्जा कब मिला?
चिंकारा को राज्य पशु का दर्जा 22 मई 1981 को मिला था।
4. ऊँट को राज्य पशु का दर्जा कब मिला?
ऊँट को राज्य पशु का दर्जा 30 जून 2014 को मिला।
5. ऊँट को राज्य पशु का दर्जा क्यों मिला?
ऊँट को राजस्थान का राज्य पशु का दर्जा इसलिए मिला था की साल 2007 मे उँटों की जनसंख्या लगभग 4.22 लाख थी जो धीरे-धीरे घटकर 2014 मे घटकर 2 लाख से भी कम रह गयी। इसी वजह से उँटों की घटती जनसंख्या को देखकर सरकार को ऊँट को राज्य पशु घोषित करना पड़ा।
6. ऊँट को राज्य पशु कब घोषित किया?
ऊँट को राज्य पशु 19 सितम्बर 2014 को मिला।