इस आर्टिकल में हम ganga nadi kahan se nikalti hai के बारे में जानेंगे। इसके अलावा गंगा नदी की कहानी भी आपके साथ शेयर करेंगे ताकि आप जान सको की गंगा नदी की शुरुआत कैसे हुई थी | इस आर्टिकल को पढ़कर आप यह भी जान पाओगे की गंगा नदी को पवित्र नदी क्यों माना जाता है?

इसके अलावा इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि ganga nadi ki lambai kitni hai और ganga nadi ka udgam sthal कहाँ पर है। इस आर्टिकल में हम गंगा नदी से जुड़ी हुई सामान्य जानकारियां आपके साथ शेयर करेंगे, इसके लिए इस आर्टिकल को आप अंत तक जरूर पढ़ें।
गंगा नदी के बारे में सामान्य जानकारी
गंगा नदी भारत के सबसे मुख्य नदी है। यह नदी भारत और बांग्लादेश में लगभग 2510 किलोमीटर की दूरी तय करती है। यह नदी उत्तराखंड राज्य में हिमालय के गंगोत्री हिमनद के गोमुख स्थान से लेकर बंगाल की खाड़ी में स्थित सुंदरवन तक भारत की महत्वपूर्ण नदी के रूप में बहुत बड़े भू-भाग की सिंचाई करती है।
गंगा नदी भारत देश के प्राकृतिक संपदा ही नहीं बल्कि प्रत्येक लोगों की भावनात्मक आस्था का आधार भी है। यह नदी भारत में 2071 किलोमीटर तक का सफर तय करती है और उसके बाद में बांग्लादेश में अपनी लंबी यात्रा करते हुए सहायक नदियों के साथ लगभग 10 लाख किलोमीटर तक के क्षेत्रफल के बहुत बड़े उपजाऊ मैदान की रचना करती है।
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गंगा नदी का यह विशाल मैदान घनी जनसंख्या के कारण सांस्कृतिक, साहित्यिक, सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस नदी के अधिकतम गहराई लगभग 100 फीट या 31 मीटर मानी जाती है।
भारत में गंगा नदी अत्यंत पवित्र नदी मानी जाती है तथा इस नदी की पूजा मां अथवा देवी के रूप में की जाती है। भारत के पुराने ग्रंथों, पुराणों और साहित्य में भी इस नदी के सौंदर्य और महत्व का बार-बार आदर के साथ वर्णन किया गया है। इसके अलावा विदेशी साहित्य में भी गंगा नदी की प्रशंसा और भावनात्मक वर्णन किए गए हैं।
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ganga nadi kahan se nikalti hai | गंगा नदी का उदगम स्थल
गंगा नदी भारत की सबसे पवित्र नदी मानी जाती है। ऐसे में आपके मन में ख्याल आया होगा की आखिर इतनी बड़ी ganga kahan se nikalti hai तो आपको बता दें की यह नदी उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में हिमालय के गंगोत्री हिमनद के गोमुख से निकलती है।
इसे ही पौराणिक कथाओं और हिंदू संस्कृति के अनुसार ganga nadi ka udgam sthal माना जाता है। गंगा नदी की शुरुआत भागीरथी से देवप्रयाग में संगम होने के बाद ही मानी जाती है।
प्राचीन राजा भागीरथ के नाम पर भागीरथी नदी का नाम पड़ा। 4000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गंगोत्री हिमनद के मुख पर गंगोत्री तीर्थ धाम स्थित है जहाँ ग्लेशियर से भागीरथी एक छोटे से गुफानुमा मुख पर प्रकट होती है|
अलकनंदा जिसका पुराना नाम विष्णु गंगा है। इस नदी का उद्गम संतो पंथ ग्लेशियर से होता है। अलकनंदा की पांच अन्य सहायक नदियां हैं जो 5 से अलग-अलग जगहों पर अलकनंदा के साथ मिलकर ‘पंच प्रयाग’ बनाती है।
विष्णुप्रयाग में अलकनंदा से धौलीगंगा नदी मिलती है। अलकनंदा नदी को विष्णुप्रयाग तक विष्णु गंगा के नाम से जाना जाता है। इसके पश्चात नंदप्रयाग में अलकनंदा, त्रिशूल पर्वत के नजदीक नंदाघूंगती नामक स्थान से निकलने वाली नंदाकिनी नदी में मिलती है।
इसके बाद अलकनंदा नदी का संगम करणप्रयाग में पिंडारी ग्लेशियर से निकलने वाली पिंडर नदी से होता है।
रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी का संगम मंदाकिनी नदी में होता है। मंदाकिनी नदी एकमात्र ऐसी नदी है जो अलकनंदा के दाहिनी तरफ से मिलती है। 195 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद अलकनंदा नदी देवप्रयाग में भागीरथी नदी में मिल जाती है। इस जगह से इस नदी का नाम गंगा कहलाता है।
इस प्रकार गोमुख से निकलकर 250 किलोमीटर के संकरे पहाड़ी रास्तों से, ऋषिकेश होते हुए गंगा नदी का पहली बार मैदानों से स्पर्श हरिद्वार में होता है।
Note : यहां तक दी गई जानकारी से आपको पता चल गया होगा कि ganga nadi kahan se nikalti hai. अब हम आगे की जानकारी में बताएंगे की गंगा नदी को धरती पर क्यों आना पड़ा। इसके अलावा यह भी बताएंगे कि आखिर ganga nadi ki lambai kitni hai और ganga nadi ka udgam sthal कहां है।
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गंगा नदी की कहानी (Story of Gangas River)
प्राचीन पौराणिक कथा के अनुसार राजा सगर ने जादुई तरीके से 60 हजार पुत्रों की प्राप्ति की। एक दिन राजा सगर ने देवलोक पर विजय हासिल करने के लिए अश्वमेध यज्ञ का आयोजन किया। यज्ञ करने के लिए घोड़ा आवश्यक था जिसको घमंडी इंद्र ने चुरा लिया था।
राजा सगर ने अपने सभी पुत्रों को घोड़े की खोज में भेज दिया। आखिर में घोड़ा पाताल लोक में ऋषि कपिल मुनि के पास बंदा हुआ मिला।
राजा सगर के पुत्रों ने यह सोचा कि ऋषि ने ही घोड़ा चुराया है इस वजह से उन्होंने ऋषि का अपमान किया। हजारों वर्षों की तपस्या के बाद जब ऋषि ने आंखें खोली तो उनके क्रोध से राजा सगर के सभी 60000 पुत्र वही जलकर भस्म हो गए।
राजा सगर के पुत्रों की आत्माएं भूत बनकर विचरण करने लगी क्योंकि उनका अंतिम संस्कार नहीं किया गया था। राजा सगर के पुत्र अंशुमान ने आत्माओं से मुक्ति पाने के लिए प्रयास किए लेकिन असफल रहें। उसके बाद अंशुमान के पुत्र दिलीप ने भी कोशिश की, लेकिन वह भी असफल रहे।
भागीरथ, राजा दिलीप की दूसरी पत्नी के बेटे थे। भागीरथ ने गंगा नदी को पृथ्वी पर लाने का प्रण किया, जिससे उनका अंतिम संस्कार करके, उनकी राख को गंगा जल में प्रवाहित किया जा सके और भटकती हुई आत्मा को मुक्ति मिल जाए।
भागीरथ ने ब्रह्मा जी की कठिन तपस्या की ताकि गंगा नदी को पृथ्वी पर लाया जा सके। ब्रह्मा जी, भागीरथ की कठोर तपस्या से प्रसन्न हुए और गंगा नदी को धरती पर भेजने के लिए तैयार हुए। ब्रह्मा जी ने गंगा नदी को धरती पर और उसके बाद पाताल लोक में जाने का आदेश दिया ताकि राजा सगर के पुत्रों की आत्माओं की मुक्ति हो सके।
उस वक्त गंगा नदी ने कहा कि जब मैं इतनी ऊंचाई से धरती पर अवतरित होउंगी तो धरती इतना वेग नहीं से पाएगी। इसके बाद भागीरथ ने भगवान शिव से प्रार्थना की। तब भगवान शिव ने अपने खुली जटा में गंगा के वेग को रोक कर एक लट खोल दी। जिससे गंगा नदी की एक अविरल धारा धरती पर प्रवाहित हुई। वह धारा भागीरथ के पीछे पीछे गंगा सागर संगम तक गई, जहां पर राजा सगर के पुत्रों का कल्याण हुआ।
भगवान शिव के इस पर से गंगा और भी ज्यादा पावन हो गई और धरती वासियों के लिए श्रद्धा का एक केंद्र बन गई। पुराणों के अनुसार स्वर्ग लोक में गंगा को मंदाकिनी और पाताल लोक में भागीरथी कहते हैं।
Note : अभी तक हमने इस जानकारी में बताया है कि ganga nadi kahan se nikalti hai और यह भी बताया कि ganga nadi ka udgam sthal कहां पर स्थित है। अब आगे की जानकारी में हम आपको बताएंगे कि Ganga nadi ki lambai kitni hai, गंगा नदी के किनारे बसे शहर और गंगा नदी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
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गंगा नदी की लम्बाई | Ganga Nadi Ki Lambai Kitni Hai
क्या आप जानते हो कि Ganga Nadi Ki Lambai Kitni Hai अगर आप नहीं जानते तो आपको बता दें की भारत और बांग्लादेश में बहने वाली गंगा नदी की कुल लम्बाई 2510 किलोमीटर (1569 मील) है। भारत में गंगा नदी की कुल लम्बाई 2071 किलोमीटर है बाकि की 439 किलोमीटर बांग्लादेश में बहती है।
गंगा नदी हिमालय के गंगोत्री ग्लेशियर से निकलती है। हिमालय का ग्लेशियर 3892 मीटर (12,769 फिट) की ऊंचाई पर स्थित है। यह नदी भारत और बांग्लादेश में ही बहती है। जबकि बंगाल क्षेत्र में इसका बहुत बड़ा डेल्टा, जिसे वह ब्रह्मपुत्र नदी के साथ बनाती है, अधिकतर बांग्लादेश में ही स्थित है।
गंगा नदी भारतीय उपमहाद्वीप की मुख्य नदियों में से एक है जो पूर्व से उत्तरी भारत के गंगा के मैदानी भागो से होकर बांग्लादेश में बहती है। गंगा नदी भारत के उत्तराखंड राज्य में पश्चिमी हिमालय से लगभग 2510 किलोमीटर की दूरी पर है। यह नदी बंगाल की खाड़ी में सुंदरवन डेल्टा में गिरती है।
Note: अभी तक हमने जाना कि ganga kaha se nikalti hai (गंगा नदी कहां से निकलती है), इसके अलावा हमने यह भी जाना कि ganga nadi ka udgam sthal कहां से होता है। साथ ही हमने यह भी जाना कि ganga nadi ki lambai kitni hai.
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गंगा नदी के किनारे बसे प्रमुख शहर
ऊपर दी गई जानकारी में हमने जाना कि ganga kahan se nikalti hai और ganga nadi ka udgam sthal कौनसा है तथा ganga nadi ki lambai kitni hai के बारे में बताया है। अब आगे की जानकारी में हम जानेंगे कि गंगा नदी के किनारे कौन कौन से शहर बसे हुए हैं तो चलिए जान लेते हैं।
गंगा नदी भारत की सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र नदियों में से एक है। इस नदी के किनारे कई बड़े शहर और छोटे नगर हैं।
- वाराणसी (बनारस) – वाराणसी भारतीय संस्कृति, धर्म और गंगा की पवित्रता के लिए जाना जाता है। यह उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है।
- हरिद्वार – हरिद्वार उत्तराखंड राज्य में स्थित है और गंगा नदी को हिमालय से निकलने का पहला शहर है।
- प्रयागराज (इलाहाबाद) – प्रयागराज उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है और गंगा नदी और यमुना नदी के संगम के लिए प्रसिद्ध है।
- पटना – पटना जहां गंगा नदी के किनारे बसा है, वह बिहार राज्य की राजधानी है।
- कोलकाता – कोलकाता वेस्ट बंगाल राज्य में स्थित है और हुगली नदी, जो गंगा नदी का उपनदी है, के किनारे बसा हुआ है।
गंगा नदी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
गंगा नदी भारत के सबसे प्रमुख और पवित्र नदी मानी जाती है। गंगा नदी से जुड़े हुए महत्वपूर्ण तथ्य इस प्रकार है –
- पवित्रता का महत्व – गंगा नदी हिंदू धर्म में एक पवित्र नदी मानी जाती है। इस नदी को मां गंगा के रूप में भी पूजा जाता है और इस नदी में स्नान करने का धार्मिक महत्व माना जाता है।
- संगम स्थल – प्रयागराज में गंगा नदी और यमुना नदी के संगम को त्रिवेणी संगम कहा जाता है, जो हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है।
- सफाई अभियान – गंगा नदी को साफ करने के लिए ‘नमामि गंगे’ अभियान चलाया गया है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है कि नदी में स्थित कचरे और प्रदूषण को कम करना तथा नदी को पुनः स्वच्छ बनाना है।
- इतिहास – गंगा नदी भारतीय इतिहास और संस्कृति के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती आई है। इसके किनारे कई प्राचीन शहर और स्थल स्थित है, जो भारतीय इतिहास से जुड़े हुए हैं।
- जल यात्रा – गंगा नदी के किनारे स्थित बहुत से शहर और गांव में बहुत से पारंपरिक जल यात्राएं होती है। यात्रियों द्वारा नदी के तट पर स्नान, पूजा और धार्मिक आयोजन किया जाता है।
- प्राकृतिक संसाधन – गंगा नदी के किनारे स्थित क्षेत्रों में प्राकृतिक संसाधनों का समृद्ध भंडार होता है। इस नदी के किनारे कृषि और पर्यटन आर्थिक गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण है।
- विविधता – गंगा नदी के तट पर विविधता के साथ अनेक जलवायु व जीव जंतु पाए जाते हैं। इस नदी में अनेक प्रकार की मछलियां भी पाई जाती है।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने ganga nadi kahan se nikalti hai के बारे में जाना। इसके अलावा ganga nadi ka udgam sthal के बारे में भी बताया। इसके साथ ही हमने ganga nadi ki lambai kitni hai इस बारे में भी जानकारी दी।
इसके अलावा इस आर्टिकल बताई गई गंगा नदी की कहानी के अनुसार, गंगा नदी की शुरुआत कैसे हुई ? और इसके साथ ही हमने गंगा नदी के किनारे बसे हुए शहर के बारे में भी बात की है। इस आर्टिकल में हमने गंगा नदी से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य भी आप लोगों के साथ शेयर किए हैं।
आशा करते हैं कि हमारे द्वारा बताई गई गंगा नदी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां आपको जरूर पसंद आई होगी। गंगा नदी se सम्बंधित कुछ सुझाव या कुछ पूछना है तो आप निचे comment कर सकते है।
FAQ
Q.1 Ganga nadi kahan se nikalti hai.
गंगा नदी भारतीय सबसे पवित्र नदी मानी जाती है। इस नदी में स्नान करना धार्मिक प्रवृत्ति के अनुसार शुभ माना गया है। गंगा नदी उत्तराखंड में हिमालय के गंगोत्री हिमनद के गोमुख से निकलती है।
Q.2 गंगा नदी को धरती पर कौन लेकर आए?
जब राजा सगर के 60 हजार पुत्र ऋषि के श्राप से भस्म हो गए थे तब उनकी मुक्ति के लिए गंगाजल की आवश्यकता थी। तब भगीरथ ने गंगा नदी को पृथ्वी पर लाने के लिए ब्रह्मा जी की कठोर तपस्या की, जिससे ब्रह्मा जी काफी प्रसन्न हुए और गंगा नदी को धरती पर अवतरित होने के लिए आदेश दिया।
Q.3 गंगा नदी के किनारे बसे प्रमुख शहर कौन-कौन से हैं?
गंगा नदी के किनारे बहुत से शहर बसे हुए हैं। लेकिन उनमें से कुछ प्रमुख शहर वाराणसी, हरिद्वार, प्रयागराज, पटना, कोलकाता आदि प्रमुख है।
Q.4 Ganga nadi ki lambai kitni hai.
गंगा नदी भारत के महत्वपूर्ण नदियों में से एक है। यह नदी भारत और बांग्लादेश के क्षेत्रों में बहती है। इस नदी की कुल लंबाई 2,510 किलोमीटर है। भारत में गंगा नदी की लंबाई 2,071 किलोमीटर है। बांग्लादेश के क्षेत्रों में गंगा नदी सुंदरबन डेल्टा बनाती है।
Q.5 गंगा नदी का पुराना नाम क्या है?
गंगा नदी का पूराना नाम “भागीरथी नदी” है। इसे हिंदी धरोहर के रूप में भी जाना जाता है और इसे भारतीय सभ्यता में महत्वपूर्ण स्थान पर रखा गया है। गंगा नदी भारत की सबसे महत्वपूर्ण नदीयों में से एक है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, बंगाल, और दिल्ली के क्षेत्रों में बहती है। यह नदी धार्मिक और सांस्कृतिक स्थानों का प्रमुख स्रोत है। इस नदी को स्वर्गीय नदी के रूप में भी जाना जाता है।