
Eye flu: भारत की राजधानी दिल्ली सहित अन्य राज्यों में बारिश के बाद से आई फ्लू बहुत तेजी से फैल रहा है। यह एक संक्रामक बीमारी है जिससे बच्चों पर इसका असर ज्यादा होता है। देशभर के कई राज्यों में इस रोग का फैलने का कारण बारिश के कारण बाढ़ और जगह-जगह अधिक मात्रा में पानी जमा होने को माना जा रहा है। जानकारी के अनुसार बच्चे इस संक्रमण से अधिक प्रभावित हो रहे हैं। इसलिए विद्यालयों में उसके बचाव के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
नेत्र विशेषज्ञों के मुताबिक बारिश के इस मौसम में बच्चों में आई फ्लू फैलने की संभावना अधिक होती है क्योंकि बच्चे बड़ों की तुलना में अधिक ज्यादा सक्रिय रहते हैं और अधिकतर समय समूहों में ही रहते हैं। ऐसे में उनके माता-पिता को सतर्क रहने की आवश्यकता है। आई फ्लू कई तरह जैसे बैक्टीरिया, वायरस और एलर्जी के द्वारा भी हो सकता है।
आजकल जिस रोग से लोग संक्रमित हो रहे हैं वह लोग काफी तेजी से फैलने वाला है। इस रोग में आंखों का लाल होना, एलर्जी, आंखों से चिपचिपा पदार्थ निकलना और पलके सजी हुई रहना प्रमुख लक्षण है। आई ड्रॉप्स और दवाओं से इस रोग में तुरंत आराम नहीं मिलता है। इस रोग को ठीक होने में 1 से 2 सप्ताह भी लग सकते हैं।
बच्चों के लिए अपनाएं आई फ्लू से बचाव के ये तरीके
- आई फ्लू के संक्रमण से बचने के लिए घर पर साफ सफाई रखना आवश्यक है।
- घर पर माता-पिता और स्कूल में टीचर बच्चों को लगातार हाथ धोने के लिए जागरूक करते रहना चाहिए।
- चश्मे, कांटेक्ट लेंस और आंखों के संपर्क में आने वाली सभी वस्तुओं की नियमित सफाई करें।
- अक्सर छोटे बच्चे अपनी आंखों को रगड़ते रहते हैं जिस वजह से वे आई फ्लू की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में छोटे बच्चों को अपनी आंखों को छूने से बचने की बार-बार कहें।
- आई फ्लू वायरस के संक्रमण से बचने और उसके फैलाव को कम करने के लिए छिंकते या खांसते समय बच्चों को हमेशा टिशु पेपर का इस्तेमाल करना सिखाए। एक बार टिशू पेपर का उपयोग करने के बाद इसे कचरा पात्र में फेंक देना चाहिए।
- बच्चों को आई फ्लू से संक्रमित लक्षण वाले व्यक्ति से दूर रहने की सलाह दें।
- अगर बच्चा स्वयं संक्रमित हो गया है तो उसको भी सबसे अलग रहने की सलाह दे और उसे काला चश्मा पहनने के लिए कहे ताकि आई फ्लू का संक्रमण अधिक ना फैले और जल्द ही डॉक्टर से संपर्क करें।